युवा वर्ग देश का भविष्य होने के साथ-साथ हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। देश की पूरी जनसंख्या में 30.56 करोड़ युवाओं की भागीदारी है। स्वतंत्रता दिवस पर हमने बात की युवाओं से और जानने की कोशिश की कि देश के युवा को अब किन चीजों से चाहिए आजादी और आखिर उनके लिए क्या हैं आजादी के मायने।
भारत, एक ऐसा देश जहां विश्व के सबसे अधिक युवा बसते हैं, युवा वर्ग देश का भविष्य होने के साथ-साथ हमारे देश के विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। भारत की लगभग 65 प्रतिशत जनसंख्या की आयु 35 वर्ष से कम है। देश की पूरी जनसंख्या में 30.56 करोड़ युवाओं की भागीदारी है। स्वतंत्रता दिवस पर हमने बात की युवाओं से और जानने की कोशिश की कि देश के युवा को अब किन चीजों से चाहिए आजादी और आखिर उनके लिए क्या हैं आजादी के मायने।
भ्रष्टाचार
आज इस देश का युवा यह बात समझ चुका है कि छोटे से छोटे भ्रष्टाचार का सीधा प्रभाव उन पर पड़ता है। करप्शन फ्री इंडिया के सपने को साकार करने के लिए यूथ बात करने लगा है। कभी फिल्म और स्पोट्र्स में दिलचस्पी रखने वाला यूथ अब भ्रष्टाचार मुक्त देश बनाना चाहता है।
लिंगभेद
आज भी भारत में बहुत से स्थान ऐसे हैं, जहां लड़कियों को सिर्फ इस लिए नहीं पढऩे दिया जाता क्योंकि वे लड़की हैं।
ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि इस देश का हर नागरिक स्वतंत्र नहीं है। युवाओं का मानना है कि यदि वास्तव में देश को आगे बढ़ाना है तो लिंग आधारित भेद-भाव को समाप्त करना होगा। साथ ही आज का युवा धर्म और जाति आधारित भेद-भाव को भी समाप्त करना चाहता है।
सांप्रदायिकता
देश का युवा जितना हिन्दू-मुस्लमान सोशल मीडिया पर दिखाई देता है उतना है नहीं। युवाओं से बात करके यह बात साफ हो गई कि अब वह किसी के बहकावे में आने वाला नहीं है। अपने विवेक के आधार पर निर्णय करके देश को प्राथमिकता देने जैसी बातें प्रमुखता से सामने आईं।
अपराध
भारत का युवा मर्डर, रेप जैसे बड़े क्राइम्स के साथ-साथ बहुत से छोटे क्राइम्स से भी परेशान है। साथ ही आज का हाईटेक समाज साइबर क्राइम की गिरफ्त में भी फंसता जा रहा है। हर तरह के अपराध के पीछे एक बड़ा कारण बेरोजगारी तो है ही, साथ ही कम समय में बहुत कुछ पा लेने का लालच भी है। युवाओं की मानें तो सोच बदलकर क्राइम पर कंट्रोल किया जा सकता है।
निरक्षरता
बिना साक्षरता के कोई भी देश आगे नहीं बढ़ सकता। ऐसे में सभी शिक्षित हों तभी सारी समस्याओं से आजादी पाई जा सकती है। बेरोजगारी जैसी समस्याओं को प्रमुख न मानकर देश का युवा निरक्षरता को बड़ी समस्या मानता है। उनका कहना है कि निरक्षरता दूर होगी, तो रोजगार भी मिलेगा, साथ ही भेद-भाव, करप्शन और अपराध जैसी दूसरी समस्याओं का समाधान भी हो सकेगा।
आतंकवाद
आज हमारा देश आतंकवाद से पीडि़त है। हमारे युवाओं को गुमराह करके उन्हें इस आग में बिनाबात ढकेला जा रहा है। कश्मीर और देश के बड़े शहरों में हमारे छात्र पत्थरबाज और आतंक को स्पोर्ट कर रहे हैं वे दिशाहीन होते जा रहे हैं, जिससे बाहरी ताकतों को बढ़वा मिल रहा है। तभी हमारे देश में बाहरी ताकतें आए दिन हमला करती रहती हैं।